जानिए महाभारत में गांधारी को मिले वरदान के बारे में गांधारी की महान पतिव्रता स्त्रीओं में तुलना होती है। वो गांधार राज्य के राजा सुबल की बेट...
जानिए महाभारत में गांधारी को मिले वरदान के बारे में गांधारी की महान पतिव्रता स्त्रीओं में तुलना होती है। वो गांधार राज्य के राजा सुबल की बेटी थी इस वजह से गांधारी के नाम से प्रचलित हुई। उसे १०० पुत्र प्राप्ति का वरदान मिला था।
गांधारी को मिले थे ये वरदान
- जब गांधारी का विवाह हस्तिनापुर के होने वाले सम्राट धृतराष्ट्र के साथ हुआ तब उसे पता चला की उनके पति जन्म से अंध है इस लिए गांधारी ने सोचा की उसके होने वाले पति अंध है तो उसे भी संसार को देखने का अधिकार नहीं है और यही सोच के उसने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध ली। पति के लिये इन्द्रियसुख का त्याग कर सके ऐसा उदाहरण गांधारी ने स्थापित किया था।गांधारी के पति प्रेम और भगवन शिव के प्रति अटूट विश्वास की वजह से उसे एक वरदान मिला की वो जब कभी अपनी आँखो की पट्टी निकलेगी और जिस किसी को देखेगी उसका शरीर लोहे का हो जायेगा जिसको मारना असंभव हो जायेगा। इस लिए महाभारत के युद्ध में उसने अपने पुत्र मोह से विवश हो कर प्रथम बार अपनी पट्टी उतरी थी लेकिन दुर्योधन ने उस समय लंगोट पहेनी थी इस वजह से गांधारी की दिव्य दृस्टि का प्रभाव वहां नहीं हुआ और इस कारण दुर्योधन की पराजय हुई थी।
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